निर्वाचन आयोग की पहल, मसविदा तैयार देश में मिलेगी दूरस्थ मतदान की सुविधा

Election commission's initiative, draft ready Remote will be available in the country voting facility


रोजगार व शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाने वाले प्रवासी मतदाताओं के लिए जल्द ही दूरस्थ मतदान (रिमोट वोटिंग मशीन यानी आरवीएम) की सुविधा उपलब्ध होगी। इस मतदान का शुरुआती माहल निर्वाचन आयोग ने तैयार कर लिया है और इस माडल को आगामी 16 जनवरी को सभी राजनीतिक दलों के समक्ष पेश किया जाएगा। अगर यह माडल सफल होता है तो दूसरे राज्यों से आने वाले मतदाताओं को मतदान के समय में उनके गृह राज्य में जाने की आवश्यकता नहीं होगी और वे जिस भी राज्य में प्रवास कर रहे हैं वहीं से अपने मताधिकार का प्रयोग सकेंगे। इस नई व्यवस्था के लिए निर्वाचन आयोग ने आम जनता से भी सुझाव मांगे हैं।

आयोग के अधिकारियों ने दूरदराज के मतदान केंद्रों पर डाले गए मतों की गिनती और दूसरे राज्यों में निर्वाचन अधिकारी तक उन्हें भेजे जाने को एक 'तकनीकी चुनौती' करार दिया। हालांकि दावा किया है कि मौजूदा इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर आधारित आरवीएम को मजबूत, त्रुटिरहित और दक्ष तंत्र के रूप में विकसित किया जाएगा और इसे इंटरनेट से नहीं जोड़ा जाएगा। विभिन्न हितधारकों की प्रतिक्रियाऔर शुरुआती माडल की सफलता के आधार पर निर्वाचन आयोग (ईसी) 'रिमोट वोटिंग' को लागू करने की प्रक्रिया को उचित रूप से आगे बढ़ाएगा। इसे लागू करने में पेश होने वाली 
कानूनी, प्रशासनिक प्रक्रियात्मक, तकनीकी तथा प्रौद्योगिकी संबंधी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों के विचार मांगे हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए रिमोट पोटिंग एक परिवर्तनकारी पहल साबित होगी।
आयोग के मुताबिक कई बार प्रयासी विभिन्न कारणों से अपने कार्यस्थल के आसपास खुद का पंजीकरण नहीं करा पाते, जैसे बार-बार मकान बदलने के कारण पता बदलना, जिस क्षेत्र में अस्थायी रूप से रहे रहे होते हैं। वहां के मुद्दों से सामाजिक और भावनात्मक जुड़ाव महसूस न होना, गृह नगर में मतदाता सूची से अपना नाम नहीं हटवाने की इच्छा आदि शामिल है। आयोग ने सभी आठ राष्ट्रीय दलों और 57 राज्य स्वार की पार्टियों को शुरुआती माल दिखाने के लिए 16 जनवरी को बुलाया है। इस मौके पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी मौजूद रहेंगे।
आयोग के मुताबिक आम चुनाव 2019 में 67.4 मतदान हुआ था और भारत निर्वाचन आयोग 30 करोड़ से अधिक निर्वाचकों द्वारा मतदान करने के अपने अधिकार का प्रयोग नही किया था। नई व्यवस्था को लागू करने के लिए आयोग के पास कई कानूनी चुनौतियां है। इस व्यवस्था को  लागू करने के लिए आयोग को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 और प्रवासी मतदाता को परिभाषित करना होगा मतदान दिवस में अनुपस्थित रहने वाले मतदाता से लेकर स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता 'मामूली निवास' और 'अस्थायी रूप से अनुपस्थित मतदाता' के मूल स्थान पर पंजीकरण को बनाए रखना और रिमोट वोटिंग को परिभाषित करना होगा। नया माडल 72 निर्वाचन क्षेत्रों में करा सकता है मतदान घरेलू प्रवासी मतदाताओं की भागीदारी को सुनिश्चित करनेके लिए एक बहु- निर्वाचन क्षेत्र रिमोट आरवीएम को प्रायोगिक तौर पर शुरू करने के लिए तैयार है। यह ईवीएम का यह संशोधित रूप है और एक एकल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों पर मतदान करा सकता है।